امام صادق علیه السلام : اگر من زمان او (حضرت مهدی علیه السلام ) را درک کنم ، در تمام زندگی و حیاتم به او خدمت می کنم.
हज़रते रोक़य्या (सलामुल्लाहे अलैहा)

हज़रते रोक़य्या (सलामुल्लाहे अलैहा)

नेक, आस्तिक और धर्म गुरू जनाब सय्यद मुरतज़ा मुजतहेही सीसतानी ने क़ुम के शिक्षक से बयान किया है:

हाज सादिक़ मुत्तक़ीयान जो मशहद में रहते थे और इमाम हुसैन (अ0स0) के रौज़े के रक्षक में से थे. 1418 हीजरी में इस तरह से बयान करते हैं:

मेरी बेटी की शादी के 6 साल गुज़र चुके थे और उस को अभी तक कोई संतान नहीं थी डाक्टरों के इलाज का कोई फायदा नहीं हुआ और ना ही दवाओं का यहाँ तक कि सीरिया जाने का इरादा किया, जाने से पहले मेरी माँ ने छोटा सा पालना बनाया और मुझ से कहा:

इस को हज़रते रोक़य्या (सलामुल्लाह अलैहा) के रौज़े से बांध देना, ताकि उस महान हस्ती की कृपा से हमारी मनोकामना पूरी हो ।

मैं उस छोटे से पालने को अपने साथ सीरिया ले गया। सूरिया में हज़रत रोक़य्या (सलामुल्लाह अलैहा)की ज़ियारत के लिए गया और दुखी मन से उन के रौज़े में प्रवेश किया, उस पालने को रौज़े के पास ले गया और पूरी लगन के साथ उस को ज़रीह से बांध दिया ।

एक आदमी मेरे इस काम को देख रहा था और मुझ से कहा:

तुम इन सब बातों पर विशवास रखते हो ?

मैं ने कहा हाँ, लेकिन मेरा विश्वास हज़रते रोक़य्या सलामुल्लाह अलैहा से है ना कि पालने से और यह पालना एक वसीला है ताकि इस के द्वारा हज़रते रोक़य्या सलामुल्लाह अलैहा की तवज्जोह हासिल करुं. हर इंसान अपनी सूचनानुसार काम करता है और मैं भी वही कर रहा हुं ।

सूरिया की जियारात के बाद हम लोग ईरान वापिस आगये और ज़ियादा दिन नही बीता था कि मेरी माँ ने कहा कि :

मेरी बेटी को पैथोलॉजी ले जाओ ताकि मालूम हो कि हज़रते रोक़य्या सलामुल्लाह अलैहा ने हमारी मनोकामना पूरी की या नहीं ?

चेकअप के बाद जवाब सकारात्मक मिला और यह पता चला कि एक छोटे से पालने के कारण उस महान हस्ही ने हम पर कृपा की और और हमारी मनोकामना पूरी की और मेरी बहन की एक छोटी सी बच्ची है।

 

हवाला:

 Site : www. Almonji.com

بازدید : 3999
بازديد امروز : 14593
بازديد ديروز : 137658
بازديد کل : 137102992
بازديد کل : 94403907