امام صادق علیه السلام : اگر من زمان او (حضرت مهدی علیه السلام ) را درک کنم ، در تمام زندگی و حیاتم به او خدمت می کنم.
इमाम-ए-ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ के फ़ौजी बादल द्वारा किस तरह मक्का पहुँचेंगे ?

इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ के फ़ौजी बादल द्वारा किस तरह मक्का पहुँचेंगे ?

रेवायात में ये बात बयान की गई है कि इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ के सहायक और उनके फ़ौजी बादलों की सहायता से मक्के पहुँचेंगे और सारी दुनिया ये देख कर आशचर्यचकित रह जाएगी कि किस तरह लोग बादलों पर सवार हो कर इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ की बारगाह में पहुँचेंगे।

मगर सवाल ये पैदा होता हैं कि वो बादल जो भाप से बनें हैं किस तरह लोगों को अपने ऊपर सवार करके मक्के तक ले जाएँगे ? और वो बादल इतनी बड़ी दुनिया में मक्के की धरती को पहचानेंगे कैसे ?

जवाबः हम सब जानते हैं कि ख़ुदा की क़ुदरत और उसकी ताक़त इनती है कि कोई भी चीज़ ऐसी नहीं है जिसको वो अंजाम ना दे सके। इस लिए अगर ख़ुदा चाहे तो क्या नहीं हो सकता, ख़ुदा चाहेगा तो बादलों में भी इतनी ताक़त पैदा कर देगा कि वो लोगों को अपने कंधे पर बैठा कर मक्के तक पहुँचा दें लेकिन ये बात भी ग़ौर करने की है कि जिन बादलों को हम देखते हैं वो भाप से बनें हैं लेकिन वो बादल कि जो लोगों को इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ की बारगाह तक पहुँचाएंगे वो एक नूरानी बादल होंगे जिनको ख़ुदा पैदा करेगा और वो बहुत ताक़तवर होंगे। आज हम उन बादलों को नहीं देख पाते हैं लेकिन अहलेबैत अलैहेमुस्सलाम की रेवायात में इन बातों को बयान किया गया है जिसमें किसी भी शक की गुंजाइश नहीं है।

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